आज सुबह सुबह थोड़ा सा आध्यात्मिक हो गया और आंखें बंद करके सोचने लगा - 1. कौन हूँ मैं ? 2. कहाँ से आया हूँ ? 3. क्यों आया हूँ ? 4. कहाँ जाना है ? तभी किचन से पत्नी की आवाज़ आई - 1. एक नम्बर के आलसी हो तुम, 2. पता नहीं कौन सी दुनिया से आये हो, 3. मेरा जिंदगी खराब करने। 4. उठो और नहाने जाओ. मेरे चारों प्रश्नों का बिन मांगे उत्तर मिलने से मुझे संपूर्ण ज्ञान की प्राप्ति हो गई.