बीवी मंदिर गयी और मन्नत का धागा बाँधने के लिए हाथ उठाये ! फिर कुछ सोच कर मन्नत का धागा बांधे बिना ही हाथ नीचे कर लिये। पति - ये क्या ? मन्नत नही मत्र्ँगी ? पत्नी - माँगने ही लगी थी कि ईश्वर आपकी तमाम मुश्किलें दूरकर दे ! फिर सोचा कहीं मैं ही न निपट जाऊँ !